मेरी कहानी
मित्रों ,कल रात मैं देर से सोया लेकिन सुबह समय से ही उठ गया .सुबह की मॉर्निंग वाक समान्य ही रही . रविवार है घर पर यज्ञ हवन का कार्यक्रम था . मैं रोज की तुलना में थोड़ा जल्दी घऱ पहुँच गया .
घर आने पर देखा पूरा घर चकाचक साफ था .मैं घर की छत पर बने टॉयलेट में चला गया .नीचे आने पर देखा दरवाजे से लेकर सीढियों तक लैटरिंग पड़ी थी .मेरी पचासी वर्ष की बूढी माँ जो कभी कभी जान ही नहीं पाती थीं कि उन्हें कब टॉयलेट जाना चाहिए बड़े दुःखी मन से मुँह लटकाये बैठी थीं .पत्नी जिसकी सारी सफ़ाई चौपट हो गई थी बडबड़ा रही थी .मैं क्या करता ? माँ को लेकर टॉयलेट गया और फिर ख़ुद सफाई में लग गया .पत्नी बेचारी मेरी मदत करती हुई बताती रही यहाँ साफ़ करो वहाँ साफ करो .
खैर , काम पूरा हुआ औऱ पूजा हवन का कार्य भी पूर्ण हुआ .भोजनोपरांत मैने स्कूटर निकाला और मार्केट की ओर चला . बारिश के आसार नजर आ रहे थे ,सड़क सुनसान थी . इसी बीच एक दिलचस्प वाक़या हुआ . मैंने देखा गांव गांव घूमने मांगने वाले आदिवासी समुदाय का एक परिवार जिसका मुखिया पैर से अपाहिज था अपनी तिपहिया साइकिल पर सवार था ,उसके छह बच्चे उसके साथ थे .पाँच तो साइकिल को धक्का लगा रहे थे और एक उसके बगल में बैठा था .और उसकी पत्नी उसकी गोद में बैठी थी .मैं फोटोग्राफी का शौकीन हूँ मैं ऐसा द्रश्य कैसे न कैद कर लेता .मैंने जैसे ही कैमरा क्लिक किया वो जान गया और उसकी पत्नी जल्दी से उसकी गोद से उतर कर गाली बकने लगी . मैं वहाँ से भागा .और फिर मूसलाधार बारिश होने लगी .
घर आने पर देखा पूरा घर चकाचक साफ था .मैं घर की छत पर बने टॉयलेट में चला गया .नीचे आने पर देखा दरवाजे से लेकर सीढियों तक लैटरिंग पड़ी थी .मेरी पचासी वर्ष की बूढी माँ जो कभी कभी जान ही नहीं पाती थीं कि उन्हें कब टॉयलेट जाना चाहिए बड़े दुःखी मन से मुँह लटकाये बैठी थीं .पत्नी जिसकी सारी सफ़ाई चौपट हो गई थी बडबड़ा रही थी .मैं क्या करता ? माँ को लेकर टॉयलेट गया और फिर ख़ुद सफाई में लग गया .पत्नी बेचारी मेरी मदत करती हुई बताती रही यहाँ साफ़ करो वहाँ साफ करो .
खैर , काम पूरा हुआ औऱ पूजा हवन का कार्य भी पूर्ण हुआ .भोजनोपरांत मैने स्कूटर निकाला और मार्केट की ओर चला . बारिश के आसार नजर आ रहे थे ,सड़क सुनसान थी . इसी बीच एक दिलचस्प वाक़या हुआ . मैंने देखा गांव गांव घूमने मांगने वाले आदिवासी समुदाय का एक परिवार जिसका मुखिया पैर से अपाहिज था अपनी तिपहिया साइकिल पर सवार था ,उसके छह बच्चे उसके साथ थे .पाँच तो साइकिल को धक्का लगा रहे थे और एक उसके बगल में बैठा था .और उसकी पत्नी उसकी गोद में बैठी थी .मैं फोटोग्राफी का शौकीन हूँ मैं ऐसा द्रश्य कैसे न कैद कर लेता .मैंने जैसे ही कैमरा क्लिक किया वो जान गया और उसकी पत्नी जल्दी से उसकी गोद से उतर कर गाली बकने लगी . मैं वहाँ से भागा .और फिर मूसलाधार बारिश होने लगी .
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