मिस्डकॉल की कहानी

सुबह मॉर्निंग वाक से लौटने पर देखा , बच्चा स्कूल ड्रेस पहने घर के बाहर खड़ा था . स्कूल वैन जा चुकी थी . अपनी चंचलता के कारण वह पीछे रह गया और स्कूल वैन उसकी बड़ी बहन को ले कर चली गई .
मुझे देख कर बच्चे ने कहा - मुझे स्कूल छोड़ कर आओ . इसी बीच बीवी गुस्से से लाल पीली होते हुए बोली - " इतनी देर से मैं फ़ोन कर रही हूँ . सात बार पूरी पूरी बेल बजी . फोन क्यों नहीं उठाया ?" मैंने कहा कि मेरा फोन तो बजा ही नहीं . उसने जोरदार प्रतिवाद किया और बोली झूठ मत बोलो . मैंने कॉल रजिस्टर दिखाया लेकिन पत्नी कुछ भी सुनने को राजी न थी . मैंने देखा पत्नी शंकर जी का जलाभिषेक करते हुए मुझसे बहस करती जा रही थी मैं चुपचाप किचन में गया और चाय बनाने लगा .
पत्नी घर में आई तो पता चला कि बेटी लंचबॉक्स लेकर नहीं गई . अब तो मुझे बेटे को लेकर स्कूल जाना ही था , मेरी दिनचर्या अस्तव्यस्त होने जा रही थी .
स्कूल से लौट कर मैं घर आया . नहा धो कर तैयार हुआ . तभी फ़ोन बजा . देखा तो मेरे एक नजदीकी  रिश्तेदार का फ़ोन था , वो घबराई आवाज़ में मेरा  हालचाल पूछ रहे थे . मैंने उन्हें आस्वस्त किया कि मैं बिलकुल ठीकठाक हूँ और परिवार में भी सब ठीक है . फ़ोन कट गया और मैं अपने अन्य कामों में व्यस्त हो गया .
शाम को चाय पीते समय मेरे उन्ही प्रियजन का फ़ोन फिर आया और वे फिर मेरा हालचाल पूछने लगे . मैं हैरान होकर अपना हालचाल बताने लगा तो वे बोले कि सच बताओ सब ठीक तो है न . मेरी हैरानी बढ़ने लगी . पता चला सुबह जब वे सो ही रहे थे तो मेरे घर से उन्हें सात बार फ़ोन गया . जब वे सोकर उठे तो फ़ोन पर मेरे घर की सात मिस्डकॉल थीं . उन्होंने घबरा कर मुझे फ़ोन तो किया लेकिन आस्वस्त वो शाम को ही हुए .
और ये सब केवल इसलिए हुआ क्योकि पत्नी ने सुबह जब मुझे फ़ोन किया तो वह अपना नजदीक का चश्मा नहीं लगाये थीं .

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