एक विशेष पत्र (प्रथम )


मित्रों !
सोच रहे होंगे ...आज ये किस्से कहानी के बीच चिट्ठी क्यों ? मित्रों कल जब आप कहानी का अंतिम भाग पढ़ेंगे ....तब तक एक नई कहानी छपने के लिए तैयार हो चुकी होगी !! ....कहानी है .." वक्त का अंतर " .
इस कहानी को लिखते समय अचानक दिमाग की बत्ती जली और एक दिलचस्प और रोमांचकारी विचार नें दस्तक दी है ....लगता है " लालाराम की मनभावन यात्रा " प्रारम्भ होने वाली है .
परसों अर्थात सोमवार को आपको इस विचार की झलक दिखाई देगी ....तब तक अनुमान लगाइए !!
आपका मित्र
हैप्पी अरुण



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