एक प्रश्न चिन्ह
मित्रों !
बहुत प्रयास किया कि कुछ लिख डालूं .कलम कॉपी लेकर बैठा भी और कहानी का दूसरा भाग लिखा भी लेकिन अपना ही लिखा पसंद नही आया और प्रकाशित करने करने का मन न किया और अफ़साना पूरा न हो सका .
आज तीसरा दिन है ....कुछ लिखने का मूड ही नहीं बन रहा ....दिमाग ठस्स हो गया लगता है .क्या लिखूँ ?कुछ समझ में नहीं आता .आँख बंद करता हूँ तो लगता है .....मेरे चारो तरफ एक धुएं की गाढ़ी धुंध फैली है .
अब देखिये एक अधूरी कहानी लिख कर और अपने सामने एक बड़ा सा प्रश्नवाचक चिन्ह लगा कर ....किंकर्तव्यविमूढ़ बैठा हूँ !!!
बहुत प्रयास किया कि कुछ लिख डालूं .कलम कॉपी लेकर बैठा भी और कहानी का दूसरा भाग लिखा भी लेकिन अपना ही लिखा पसंद नही आया और प्रकाशित करने करने का मन न किया और अफ़साना पूरा न हो सका .
आज तीसरा दिन है ....कुछ लिखने का मूड ही नहीं बन रहा ....दिमाग ठस्स हो गया लगता है .क्या लिखूँ ?कुछ समझ में नहीं आता .आँख बंद करता हूँ तो लगता है .....मेरे चारो तरफ एक धुएं की गाढ़ी धुंध फैली है .
अब देखिये एक अधूरी कहानी लिख कर और अपने सामने एक बड़ा सा प्रश्नवाचक चिन्ह लगा कर ....किंकर्तव्यविमूढ़ बैठा हूँ !!!
Comments