अगर नुकसान होगा तो नमाज़ पढ़ने वालों का होगा ....!!!

 मित्रों !
आज मैंने इसी महीने की अर्थात नवम्बर 2019 की
"अखण्ड ज्योति " पढ़ी .यह पत्रिका अखिल विश्व गायत्री परिवार की आमुख पत्रिका है ....जो पिछले 83 वर्षों से अनवरत प्रकाशित हो रही है .गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा 'आचार्य ' जी द्वारा प्रणीत यह पत्रिका .....अध्यात्म ज्ञान की एक प्रमुख पत्रिका मानी जाती है .
इसी माह की उक्त ' प्रतिष्ठित पत्रिका ' में पेज नम्बर 57 पर ' परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी ' नामक स्तम्भ के अंतर्गत प्रकाशित लेख ...' आध्यात्मिकता का आधार - परिवारिता (प्रथम किश्त )' में मैने कुछ ऐसे तथ्य पढ़े जो मैं जानता ही नहीं था .जो आश्चर्य जनक हैं ,ऐतिहासिक हैं और वर्तमान स्थितियों में इसके अर्थ भी गूढ़ किन्तु स्पष्ट हैं .यह लेख वास्तव में लेख न होकर ...पंडित श्रीराम शर्मा जी द्वारा दिया गया एक प्रवचन है जो उन्होंने " कहा है " और उसे हूबहू " लिख दिया " गया है .
इस प्रवचन में ' आचार्य जी ' कहते हैं .....
मित्रों ! महमूद ग़जनवी नें सब पंडितों को एक तरफ बैठा दिया .वे बहुत खुशामदें करते रहे ,मिन्नतें करते रहे ...पर वह नहीं माना .किसी ज़माने में सोमनाथ का मंदिर बेहतरीन था .उसने अपने नौकरों से मना कर कर दिया कि आप लोग दूर रहिए .अगर शंकर भगवान " नाखुश " हो गए तो आपका नुकसान कर देंगे . नुकसान तो हमारा होना चाहिए . उसने लोहे की रॉड और हथौड़े लेकर ....सोमनाथ के मंदिर के चार टुकड़े किये और चार टुकड़े करने के बाद बोला ..." देखिये साहब !अभी तो हमारा नुकसान नहीं किया ,पीछे
देख लेंगे ." उसने उन चारो टुकड़ो को चार जगह भेज दिया .
सोमनाथ मंदिर के चार टुकड़े अभी भी चार मस्जिदों में गड़े हुए हैं .और नमाज़ पढ़ने वाले वहाँ जूते उतारते हैं .उनमें से एक टुकड़ा मक्का में गड़ा हुआ है .एक टुकड़ा मदीने में गड़ा हुआ है .एक टुकड़ा अफगानिस्तान में गजनी के महल के प्रवेश द्वार पर गड़ा हुआ है और एक टुकड़ा गजनी के जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर गड़ा हुआ है .दुनिया की ये चार मस्जिदें सबसे बड़ी मस्जिदें हैं .
"जहाँ नमाज़ पढ़ने के लिए मुसलमान जाते हैं ."
...........
उसने कहा - अगर नुकसान होगा तो नमाज़ पढ़ने वालों का होगा ..........

कृपया एक बार सोचिए .....और मैं क्या लिखूँ ?



Comments

Anil. K. Singh said…
अच्छी तरह पढा़। इस पर मैं क्या लिखू कुछ समझ नहीं पा रहा हूं। पंडित पुजारियों का कहा सच हो सकता है।