जीने की वजह (भाग 2 )

डॉक्टर साहब ,क्लीनिक में बैठे मरीज देख रहे थे .
बहुत से लोग बाहर बैठे अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे .डॉक्टर साहब पैसे को जैसे महत्व ही नहीं देते थे ...जो भी मरीज दे दे ले लेते थे हालांकि बाहर बोर्ड पर लिखा था ...कंसल्टेशन फीस - ........दवा के पैसे न हों तो उनके कहने से स्टोर वाला दवा भी दे देता .उनकी इस सखी हातिम प्रवृत्ति से उनकी लोकप्रियता चरम पर थी .लोग उनकी प्रशंसा करते न अघाते थे .
बस एक दो कमियां थीं उनके अंदर ...एक तो वे मूडी आदमी थे और दूसरे बोलते नहीं थे .केवल मुंडी हिलाते थे और जब बोलते तो ऐसा कि सुनने वाले के तन बदन में आग लग जाय .
अपरान्ह लगभग एक बजे ....क्लीनिक के सामने एक ऑटो रिक्शा रुका .उस ऑटो से एक औरत औरत नें ऑटो वाले से कुछ कहा और एक लगभग छः साल के बच्चे को लगभग घसीटती हुई क्लीनिक में घुसी .और बाहर बैठे कम्पाउंडर से बोली ...मुझे डॉक्टर से अर्जेन्ट मिलना है .कम्पाउंडर ने एक नजर बैठे मरीजों पर घुमाई और न में सिर हिलाता हुआ बोला ....लाइन से मैडम !! 
और वह औरत भड़क गई और लगी चिल्लाने ...
कम्पाउंडर मुँह बाए देखता रहा .आवाज सुन कर डॉक्टर साहब नें घंटी बजाई .कम्पाउंडर सिर खुजाता उठा और केबिन के अंदर चला गया .....उसके पीछे वह औरत भी बच्चे का हाँथ पकड़े अंदर घुस गई .
उस औरत को देखते ही डॉक्टर साहब अपनी सीट से खड़े हो गए .चेहरा तमतमा गया ....वे कुछ बोलते कि वह औरत हवा के झोंके की तरह वापस लौटी और ऑटो में बैठ कर फुर्र हो गई .
और वह बच्चा ....पहले तो वह सकपकाया सा खड़ा रहा और फिर ....मम्मी - मम्मी चिल्लाते हुए बाहर भागा .और डॉक्टर के इशारे पर उनके कम्पाउंडर नें बच्चे का हाँथ पकड़ कर बाहर सड़क पर जाने से रोक लिया .
क्लीनिक में अफरा तफरी का माहौल था .बच्चा जार जार रो रहा था और डॉक्टर फोन में व्यस्त .कुछ ही देर में एक टैक्सी आ कर रुकी .डॉक्टर नें अपने कम्पाउंडर से क्लीनिक सँभालने को कहा और ....
.....बच्चे को गोद में उठा कर टैक्सी में सवार हो गए .
डॉक्टर साहब की गोद में बैठा बच्चा ..खुश लग रहा था और अपनी माँ के साथ डॉक्टर की फोटो को अल्बम में ध्यान से देख रहा था .घर की साफ सफाई चल रही थी ..किचेन में महराज खाना बना रहा था ..
..और कमरा चॉकलेट ,बिस्कुट और खिलौनों से भरा हुआ था .घर में उस छह साल के बच्चे की किलकारी गूँज रही थी और डॉक्टर भी बच्चे के साथ बच्चा बन गया था .डॉक्टर साहब नें उस दिन ....सिगरेट और शराब नहीं पी !!!
........जीने के लिए एक " वजह " जरूरी है !!!...
(समाप्त )

Comments

Anil. K. Singh said…
कहानी अच्छी है