कौन है जिम्मेदार ?(अंतिम भाग )

गतांक से आगे ....
....पंडित जी बेटे की मौत तो बर्दास्त कर गए लेकिन ' बेटी की इस हरकत नें उन्हें जीते जी मार डाला .वे निढाल से पड़े थे और तभी घर में भूचाल आ गया ....रोना पीटना शुरू हो गया ..क्योंकि उनके बड़े पुत्र ने लोकलाज के कारण
" ज़हर " खा लिया और मर गए .
कहानी सुनते सुनते मैं पत्थर की मूरत बन गया .
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था .एक गिलास ठंडा पानी पी कर मैंने पूछा ..फिर ..?
फिर .." लाडली बिटिया " ..फलां बानो बन गई .पंडित जी छह माह बाद रिटायर हो गए और गांव चले गए .सुनने में आया है कि उनकी पेंशन ,फंड ,बोनस वगैरा सब ..पता नहीं किस कारण फँस गया और पाई पाई को मोहताज़ बेचारे पंडित जी का हाल बहुत बुरा है .
इस कहानी को सुनने के बाद मैं क्या करता ? सच्चाई पता करने का कोई जरिया नहीं था .
सालों बाद ..एक दिन मैं अपने निजी काम से अपने " शहर " पहुँचा जहाँ मैं और " शरद " साथ साथ पले बढ़े थे ....
वहाँ पहुँचते ही मेरे अंदर एक हूक सी उठी और मैं अनायास " शरद " के घर की ओर चल पड़ा .जानी पहचानी सड़को और चौराहों से जिन पर मैं और शरद सैकड़ो बार साथ साथ गुजरे थे ..
...मैं ऑटो में बैठा जा रहा था .रास्ते में"आलोक "
का घर था .जो हम दोनों का साझा मित्र था .और मैंने उसकी बिल्डिंग के सामने ऑटो रुकवाया और चिर परिचित सीढ़ियां चढ़ कर "आलोक " के घर की कॉलबेल बजाई .दरवाजा खुला .हम दोनों ही इन दस सालों में काफी बदल गए थे .
मैं वहाँ एक घंटे रुका और मुझे पता चला कि ये कहानी ...सत्य है और अब इस शहर में "शरद "
 के परिवार का कोई नहीं रहता .
मैं दुःखी मन से लौट आया .और आज बीस साल बाद मैं इस घटना को लिपिबद्ध कर रहा हूँ .गोपनीयता के कारण पात्रों के नाम बदल दिए हैं .
इस दर्दनाक कहानी से क्या शिक्षा मिली या ये किस प्रकार लोगों को प्रभावित करेगी ..मुझे नहीं पता .लेकिन एक बात नहीं समझ आती कि इस पूरी घटना में दोष किसका है ?
कौन है इन दर्दनाक घटनाओं का जिम्मेदार ?
कौन है ,जिसने एक हॅसते खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया ?
ये सब लिखते हुए मेरी आँखों में आँसू भरे हैं .आज मुझे अपने दिवंगत मित्र की बहुत याद आ रही है .अच्छा हुआ साला मर गया....नहीं तो !!
अभी कुछ सालों पहले मैं " गया जी " अपने पितरों का पिण्ड दान करने गया था ..तो उसका भी नाम लेकर एक पिण्ड दे आया था .....
भगवान ?....उसकी आत्मा को शांति दें ...

Comments

Saras Pandey said…
Kahani Bahut hi Dil chasp h
Anil. K. Singh said…
जिम्मेदार कौन है। हम भी नहीं बता सकते। लेकिन दुखद है इतना पता है। आज कल यह सब बहुत हो रहा है।