" वो "
घनी अंधेरी रात में सड़क पर भागते हुए ' वो ' कई बार गिरा ...उठा और फिर भागा . अंततः बेदम हो कर वह गिर पड़ा . वह रुकना नहीं चाहता था ....लेकिन पैर नहीं उठ रहे थे . फिर ' वो ' सड़क पर ही बैठ गया और तभी जोरदार ब्रेक लगने की आवाज़ गूंजी और उससे मात्र दो फीट पर एक कार आ कर रुकी .
" तुम यहाँ बैठे हो और मैं तुमको खोजते हुए कहाँ कहाँ हो आई . उठो मैं तुमसे तंग आ चुकी हूँ लेकिन क्या करूँ ....तुम्हारे बिना मेरा काम भी तो नहीं चलता" ....यही सब बड़बड़ाते हुए ' उसने ' उसे लगभग जबरदस्ती कार में ठूंसा और ये जा वो जा .
अपने कमरे की खिड़की के पास बैठा ' वो ' सूनी आँखों से बाहर देख रहा था . उत्तर पश्चिम दिशा में बादल उठ रहे थे और लग रहा था कि जोरदार बारिश होगी . तभी हवा की रफ़्तार बढ़ने लगी ....बिजलियाँ कड़कने लगीं और बरसात होने लगी . बिजली चली गई ....वातावरण में अँधेरा छा गया . उसके कमरे में तो रोशनी थी .....लेकिन उसके मन में गहरा अँधेरा छाया था .
वो बेड पर लेटा था और उसे याद आई वो शादी ...जहाँ पहली बार " सरिता " से उसकी मुलाकात हुई थी . फिर बातें हुईं .....मुलाकातें हुईं और साल भर बाद उनकी शादी भी हो गई .
शादी के दो साल तक सब ठीक ठाक था . इन दो सालों में उसने यही जाना कि उसकी बीवी ....औरत के रूप में ' एक मर्द ' है . कहने का अर्थ है उसके सारे शौक मर्दाना थे !!!!
सरिता ....पचास करोड़ के कारोबार की मालकिन थी
उसका बाप अपनी इकलौती बेटी को हद से ज्यादा चाहता था . उसकी जिद का नतीजा थी ये शादी . विशाल बंगले में सरिता ' अपने पति ' के साथ अकेले रहती थी ........
" तुम यहाँ बैठे हो और मैं तुमको खोजते हुए कहाँ कहाँ हो आई . उठो मैं तुमसे तंग आ चुकी हूँ लेकिन क्या करूँ ....तुम्हारे बिना मेरा काम भी तो नहीं चलता" ....यही सब बड़बड़ाते हुए ' उसने ' उसे लगभग जबरदस्ती कार में ठूंसा और ये जा वो जा .
अपने कमरे की खिड़की के पास बैठा ' वो ' सूनी आँखों से बाहर देख रहा था . उत्तर पश्चिम दिशा में बादल उठ रहे थे और लग रहा था कि जोरदार बारिश होगी . तभी हवा की रफ़्तार बढ़ने लगी ....बिजलियाँ कड़कने लगीं और बरसात होने लगी . बिजली चली गई ....वातावरण में अँधेरा छा गया . उसके कमरे में तो रोशनी थी .....लेकिन उसके मन में गहरा अँधेरा छाया था .
वो बेड पर लेटा था और उसे याद आई वो शादी ...जहाँ पहली बार " सरिता " से उसकी मुलाकात हुई थी . फिर बातें हुईं .....मुलाकातें हुईं और साल भर बाद उनकी शादी भी हो गई .
शादी के दो साल तक सब ठीक ठाक था . इन दो सालों में उसने यही जाना कि उसकी बीवी ....औरत के रूप में ' एक मर्द ' है . कहने का अर्थ है उसके सारे शौक मर्दाना थे !!!!
सरिता ....पचास करोड़ के कारोबार की मालकिन थी
उसका बाप अपनी इकलौती बेटी को हद से ज्यादा चाहता था . उसकी जिद का नतीजा थी ये शादी . विशाल बंगले में सरिता ' अपने पति ' के साथ अकेले रहती थी ........
शादी की पहली रात में ' वो ' जैसे ही कमरे में घुसा ...
एक भूखी शेरनी की तरह ....उसकी बीवी नें उसे दबोच लिया और जो काम एक मर्द करता है लगभग वही काम उस औरत नें किया . फिर वो उसे अपने साथ हनीमून पर ' मनाली ' ले गई . वहाँ उसका पूरा दिन .....घुड़सवारी , बर्फ पर स्केटिंग या पहाड़ो पर चढ़ते बीतता था . वह स्काई डाइविंग और बंगी जंपिंग की भी शौक़ीन थी . कार तो इतनी तेज चलाती कि उसके बगल में बैठते हुए उसे डर लगता था .
एक बार उसने बंगी जंपिंग के स्थान पर उसे ले जाकर जबरदस्ती उसके पैर में रस्सी बाँधी और धकेल दिया .
ऊपर से नीचे आने पर ज्यादा कुछ नहीं हुआ सिर्फ वो बेहोश हो गया .उसने कभी कसरत नहीं की लेकिन उसकी बीवी उससे जाने कौन कौन सी अजीब अजीब कसरतें करवाती कि उसका पूरा शरीर दर्द करने लगता . ये सब तो वह झेल गया लेकिन डिनर के पहले वो उसे एक ख़ास किस्म की शराब पिलाती और खुद भी पीती फिर रात में कई बार ....................
अब तो वह कहीं भाग जाना चाहता था .उससे यह सब बर्दास्त नहीं हो रहा था लेकिन क्या करता .....
उसकी बीवी उसे कभी अकेला छोड़ती ही नहीं थी .
उस दिन उसकी कोई सहेली आई थी . उस सहेली के साथ उस औरत नें शराब पी और उसे भी पिलाई . आधी रात को बेडरूम में उसने ' उस सहेली ' को भी बुला लिया और फिर जो हुआ उसे सोच कर उसका मन घृणा और क्रोध से भर जाता था .तीन दिन तक सब ठीक ठाक चला लेकिन चौथे दिन ' वह सहेली ' फिर आ गई और वह घर से भाग खड़ा हुआ . भागते भागते वह सड़क पर गिर पड़ा लेकिन जाने कैसे वह चुड़ैल वहाँ पहुँच गई और उसे उठा कर घर ले आई . वह बेड पर लेटा यही सब सोच रहा था .
तभी उसकी पत्नी सरिता कमरे में . उसे देख कर वो डर गया .....पास आ कर उसकी बगल में बैठ कर वह मुस्कराते हुए उसके सिर पर हाँथ फेरने लगी और बोली .....लगता है तुम ऊब गए हो !!!
उसके कमरे के बाहर निकलते ही ....उसने उठ कर दरवाजा बंद कर कुंडी लगा ली और सोने की कोशिश करने लगा .
दूसरे दिन से उसका व्यवहार बदल गया और वह एक पालतू कुत्ते की तरह उसकी हर बात मानने लगा .सरिता प्रतिदिन दोपहर 12 से 2 बजे तक क्लब में अपनी सहेलिओं के साथ किटीपार्टी करती थी और उस बीच वह कम्प्यूटर पर जाने क्या क्या करता रहता था .
दो महीने के बाद एक दिन सरिता को अचानक चक्कर आया और वह अर्धबेहोशी में चली गई .सरिता की आँख खुली तो उसने खुद को एक शानदार अस्पताल के शानदार प्राइवेट वार्ड में पाया .डॉक्टर ने बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की कमी से कमजोरी आ गई है .तीन दिन वह अस्पताल में रही . उसके पति ने इन दिनों उसकी इतनी सेवा की ....कि वह अभिभूत हो उठी .लेकिन मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की और वह धीरे धीरे इतनी कमजोर हो गई कि उसकी देखभाल के लिए एक स्थायी नर्स की व्यवस्था करनी पड़ी .
एक दिन सरिता की ' वो सहेली ' ......सरिता से मिलने आई ,जिसके कारण वह घर से भागा था . उसे देख वह मुस्कुराया . थोड़ी देर वहां बैठ कर जब वो जाने लगी तो वह उसे बाहर तक छोड़ने आया और बोला ......' सरिता को तो तुम देख ही रही हो . इसके साथ रहते रहते मेरी आदतें ख़राब हो गईं हैं . बहुत दिन हो गए तरस गया हूँ .
' उस सहेली ' ने उसे कातिल निगाहों से देखा और भौहों से कुछ इशारा किया . वह बोला ...प्लीज !!!
और फिर उसके साथ बेडरूम में चला गया . अब तो ' वह सहेली ' हर तीसरे दिन आने लगी और एक दिन सरिता को " सबकुछ " पता चल गया और फिर वो
" सबकुछ " ......सरिता के सामने ही होने लगा . वह क्या करती आँखों में आँसू लिए वो बेड पर लेटे लेटे ...
....छत को घूरती रहती .
छह महीने बाद एक दिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई . पोस्टमार्टम रिपोर्ट नार्मल थी . तीन महीने तक
' शोक ' मनाने के बाद .....एक दिन अपनी पूरी प्रॉपर्टी बेच कर और बैंक बैलेंस लेकर ...." वो " जाने कहाँ चला गया .
तीन साल बाद बंगले के नए मालिक को ....रिनोवेशन के दौरान किचेन के कवर्ड में एक डिब्बे में कोई धनिया पाउडर जैसा कुछ मिला ....जिसे एक्सपायर्ड समझ उसने कूड़े में फेंक दिया और यह राज़ सदा सदा के लिए दफ़न हो गया कि ....." उस डिब्बे में ऐसा रासायनिक धीमा ज़हर था जो धीरे धीरे असर करता था और शरीर में खून बनना बंद हो जाता था "
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