एक पत्र : मेरे मित्रों के नाम

मेरे प्यारे दोस्तों ,
आज कुछ और न लिख कर केवल आपसे बातें करूंगा . मैंने 21 जुलाई को अपनी पहली कहानी प्रकाशित की थी . और 23 अगस्त तक आपको कुल 33 कहानियां मैं भेज चुका हूँ . इन कहानियों में अधिकांश सत्य हैं .और जहां कल्पना है वहां मैंने स्पष्ट कहा कि ये कहानी एक कल्पना मात्र है .
मैंने कल्पना भी नहीं की थी मुझे आप लोगों से इतना प्यार मिलेगा .मात्र एक महीने में मेरे 1050 मित्रों ने इन रचनाओं को पढ़ा .और भारत के एक अत्यंत पिछड़े गांव में रहने वाले इस आदमी को अमेरिका ,जर्मनी ,फ्रांस , इंग्लैंड ,आयरलैंड ,जापान स्वीडन ,मैक्सिको ,अरब और जाने कहाँ कहाँ पहुँचा दिया .
मुझे तो अभी ठीक से यह भी नहीं पता कि ब्लॉगिंग कैसे की जाती है . बस अपना फ़ोन उठाया और जो मन में आया ईमानदारी से लिखता चला गया . एक एक शब्द टाइप करके लिखने में मुझे समय लगता है .ढूढ़ना पड़ता है क्योंकि टाइप तो कभी किया नहीं .
फिर भी मेरे इस प्रयास को आप से जो समर्थन और प्यार मिला उसके लिए मैं आप का ह्रदय से आभारी हूँ .मेरे कुछ मित्रों नें अपने सुझाव भी दिए और मेरा लगातार उत्साहवर्धन भी किया उनको मैं सादर धन्यवाद देता हूँ .
इसी तरह मुझे उत्साहित करते रहें,मुझे अपने सुझाव और सलाह से अवगत कराते रहें .
सधन्यवाद
आपका
अरुण







Comments

Anil. K. Singh said…
अच्छा हैं । आप ने लोगो को आभार ब्यक्त किया है।