डिप्रेशन और तनाव से मुक्ति के सरल , सटीक और प्रैक्टिकल उपाय

मित्रों , कल की कहानी लिखने के बाद मैं एक बार फिर फ्लैशबैक में चला गया और भूतकाल में विचरण करने लगा . सुबह उठा तो पिछले दिनों लगी चोट के कारण घुटना दर्द हो रहा था . मॉर्निंग वॉक पर नहीं गया.दोपहर में सो गया और शाम को एक मित्र के घर उनसे मिलने चला गया . ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसकी चर्चा की जाय .
लेकिन आज मैं आपसे दैनिक जीवन की परिस्थितियों से उत्पन्न तनाव एवं अवसाद यानी डिप्रेशन की चर्चा करूँगा . जिसका मैं स्वयं भुक्तभोगी रह चुका हूँ .
 #पहली बात डिप्रेशन क्या है ?
डिप्रेसन एक मानसिक अवस्था है . जो हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी झेलनी पड़ती है . यह अवस्था यदि लम्बे समय तक बनी रहे तो रोग यानी बीमारी बन जाती है . फिर अन्य बीमारियों की तरह इसका भी इलाज करवाना पड़ता है .
 #दूसरी बात डिप्रेशन क्यों होता है ?
किसी प्रियजन से अचानक अलग यानी बिछड़ जाने या मृत्यु हो जाने पर . अपनी जीवन शैली में अचानक बदलाव आने पर . जीविकोपार्जन का साधन समाप्त हो जाने पर . लगातार तनाव में रहने पर .अपनी इच्छा पूरी न होने पर और दूसरों से अपनी अनावश्यक तुलना करने पर , तनाव और डिप्रेशन पैदा होता है .
# तीसरी बात डिप्रेशन की पहचान क्या है ?
जब किसी भी काम में मन न लगे , अपने शरीर और
प्रियजनों के प्रति भी व्यक्ति लापरवाह हो जाए . लोगों से कटाकटा रहे . लगातार नकारात्मक विचार पैदा हों .मरने या मारने के विचार आयें या मरने मारने की प्रवृत्ति पैदा होने लगे , मन में कोई ख़ुशी न हो और गीत संगीत से भी अरुचि हो जाये तो यह पहचान है डिप्रेशन की .
डिप्रेशन से बाहर आने के उपाय क्या हैं ?
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पहला उपाय -
यह मान ले कि संसार में एक आप ही दुःखी प्राणी नहीं हैं और लोग भी हैं जो आप से भी ज्यादा विकट स्थिति में जी रहे हैं . संसार ऐसे व्यक्तियों के उदाहरणों से भरा पड़ा है जिन्होने विपरीत परिस्थितियों में भी महान सफलता पाई है .
दूसरा उपाय -
शुद्ध वर्तमान में रहना सीखें . कल जा चुका , उसमे कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता .
भविष्य में क्या होगा ? कोई पता नहीं . आज में जियें खुल कर खिलखिलाकर हँसें . डिप्रेशन का इससे बेहतर और कोई इलाज नहीं है .
तीसरा उपाय -
ध्यान का अभ्यास करे , योग और प्राणायाम का अभ्यास करे . संगीत सुने , गाना न आता हो तब भी गायें बजाएं . किसी न किसी काम में व्यस्त रहें और मस्त रहे .
फिर भी अगर फ़ायदा न हो तो किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास जायें .
अगर कोई सवाल हो तो ई . मेल करें .
जवाब जरूर मिलेगा .


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